रंग महोत्सव
अन्तर्राष्ट्रीय नाटकोत्सव का भव्य उद्घाटन संपन्न
'मंच पर छाया नहीं, जिन्दा आदमी पेश होते है' – मधु
विभिन्न संस्कृतियों की मंच प्रस्तुति से अन्तर्राष्ट्रीय नाट्योत्सव 'भारत रंग महोत्सव' का शुभारंभ हुआ । 9 फरवरी को, तिरुवनंतपुरम में टैगोर थियटर के भव्य समारोह में नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली की पहली बैच के पूर्व छात्र एवं मलयालम के प्रतिष्ठत फिल्मी निर्माता-निर्देशक और अभिनेता मधु ने महोत्सव का भव्य उद्घाटन किया । उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मंच पर छाया नहीं जिन्दा आदमी ही प्रस्तुत होते हैं और दर्शक को ध्यान में रखकर ही नाटक प्रस्तुत होना चाहिए । प्रयोगात्मक नाटक केवल अध्येताओं के लिए होना चाहिए । दर्शकों को भी यह ध्यान में रखना चाहिए कि सिनेमा की भांति नाटक में छाया नहीं, जिन्दा आदमी ही पेश होते हैं । थियेटर का अभाव नाटकों के अपचय का कारण बनता है । उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ ड्रामा के अध्ययन के बाद एक ऐसे मंच की स्थापना की कोशिश उनकी तरफ से हुई थी । लेकिन 55 वर्ष पहले ही संगीत नाटक अकादमी ऐसी एक परियोजना का तिरस्कार कर चुकी थी। उसके बाद पहली बार एक मंच पर नाटक के बारे में बोलने का मौका अब मिला है ।
राज्य सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय के निदेशक मिनी एंटोनी ने अध्यक्षता की । नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के फैक्लटी अभिलाष पिल्लै, सी.रमेश कुमार, उपनिदेशक वी.आर.अजित कुमार आदि ने वक्तव्य दिये। अभिलाष पिल्लै ने अभिनेता मधु को उपहार समर्पित किया । उद्घाटन समारोह के बाद हुळगप्पा कट्टिमणि द्वारा निर्देशित मैसूर संकल्प थियेटर का 'मरणायक' प्रस्तुत किया गया, जो शेक्सिपियर के 'मैकबथ' के आधार पर तैयार किया गया था । विभिन्न अपराधों के लिए जेल की सजा भोगकर जेल से मुक्त लोगों ने इस नाटक के पात्रों को प्रस्तुत किया ।
10 फरवरी को श्रीलंका के स्टेज थियेटर ग्रुप का 'डियर चिल्ड्रन सिनसियर्ली' (रुवान्ती डी चिक्केरा द्वारा निर्देशित), 11 को बंगला देश थियेटर आर्ट यूनिट का 'अमीना सुन्दरी' (रूक्कय्या रफीक बेबी द्वारा निर्देशित), 12 को आस्ट्रेलिया बेलवोयर का 'स्टोरीज़ आई वान्ट टु टेल यु इन पर्सन' (अने लुयी सार्क्स द्वारा निर्देशित), 13 को ओडिशा के कैनमास ग्रुप का 'गिनुवा' (निर्देशक कैलाश पाणिग्राही) और 14 को ड्रामा स्कूल ऑफ अलुम्नी रिप्पर्टी, तृश्शूर का 'कुषिवेट्टुन्नवरोट्' (गड्ढा खोदनेवालों से), (नरिप्पट्टा राजु द्वारा निर्देशित) आदि नाटक मंचित किये जाएंगे । नाट्य प्रदर्शन के दौरान हर शाम साढे पांच बजे केरल के मौलिक कलारूपों की प्रस्तुति होगी ।
एम.एस.आर ।
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