केरल ,तमिल नाडु ,पुतुच्चेरी,पश्चिम बंगाल और असम विधान सभाऔं में चुनाव की घोषणा
केंन्द्र चुनाव आयोग ने केरल ,तमिल नाडु ,पुतुच्चेरी,पश्चिम बंगाल और अस
म विधान सभाऔं के चुनाऔं की घोषणा की। दिल्ली में आज एक पत्रकार सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदा ने यह घोषणा की । केरल,तमिल नाडु और पतुच्चेरी में एक ही चरण में, 16 मई को , पश्चिम बंगाल में छह चरणों में चार, 11,17,21 और 30 अप्रैल तथा पांच मई को और असम में दो चरणों में-चार और 11 अप्रैल को चुनाव होंगे ।चुनाव अधिसूचना 22 अप्रैल को निकाली जाएगी।पांच राज्यों में कुल 824 निर्वाचन क्षेत्र और 17 करोड मतदाता होंगे, 19 मई को मतों की गिनती होगी और नतीजे घोषित किये जाएंगे । केरल में –नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि -29.4.16, संवीक्षा -30.4.16, नामांकन पत्र बापस लेले की अंतिम तिथि-2.5.16. निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या -140 , कुल मतदाताओं की संख्या 2.56,08,720, कुल मतदान केन्द्र -21498 . इस चुनाव में वोटिंगमशीनों में उम्मीदवारों की तस्वीरें होंगी। आज (4.3.2016) से चुनाव की आचारसंहिता लागू हो गयी है। अभी चुनाव केलिए सिर्फ 73 दिन । -एम.एस.आर।
केरलाञ्चल
नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र प्रयास।
संपादक
डॉ.एम.एस.राधाकृष्ण पिल्लै (डॉ.एम.एस.आर.पिल्लै)
सहसंपादक
सलाहकार समिति
संपादकीय विभाग में सहयोग:
सहयोगी संस्थाएँ:
कार्तिका कंप्यूटर सेंटेर ,
कवडियार, तिरुवनंतपुरम-695003
देशीय हिन्दी अकादमी,
पेरुंगुष़ी, तिरुवनंतपुरम-695305
हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका
07/03/16 00:24:34
Last updated on
सहसंपादक की कलम से
संपादकीय
'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है । हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका । हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं । भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं, केंद्र सरकारी आगे पढ़ें
सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है। आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं। प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें