N.Radhakrishnanप्रो.एन.राधाकृष्णन

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त गाँधीवादी विद्वान, कर्मठ कार्यकर्ता तथा तीन भाषाओं में 70 से ज्यादा ग्रन्थों का रचयिता, प्रो.एन. राधाकृष्णन को अपनी सेवा का विशिष्ट कीर्तिमान है।

संप्रति आप, अमेरिका के सोका विश्वविद्यालय का राजदूत, भारतीय गाँधीवादी अध्ययन परिषद के (नई दिल्ली) के अध्यक्ष, गाँधी माध्यम प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष, केलप्पन प्रतिष्ठान और केरल गाँधी स्मारक निधि के कार्यकारी अध्यक्ष है।

आपने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में गाँधीग्राम विश्वविद्यालय (तमिलनाटु) के कार्यकारी उपकुलपति, गांधीस्मृति एवं दर्शन समिति (नई दिल्ली) के कार्यपालक निदेशक गांधीग्राम विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी तथा विदेशी भाषा संकाय के अध्यक्ष, योजना आयोग (तमिलनाटु) के सलाहकार, युनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का प्रमुख, विश्वविद्यालय आयोग के गांधीवादी अध्ययन की स्थायी समिति के अध्यक्ष जैसे उच्च पदों को अलंकृत किया है।

आपने विश्व के 70 राज्यों का दौरा किया है और शांति एवं मानवाधिकार पर व्याख्यनों, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन किया है और विश्व के विभिन्न हिस्सों में चालीसों विश्वविद्यालयों में अभ्यागत आचार्य (Visiting Professor) है।

देश ने जहाँ उन्हें राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार (2007), एम.के.के पुरस्कार (2001) आचार्य महाप्राज्ञा पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया है, वहां अंतराष्ट्र समाज ने गांधी – किंग- इक्कोडा समाज निर्माता पुरस्कार (2001) शैक्षिक उत्कृष्ठता केलिए सोका पुरस्कार(2008) तथा सोका विश्वविद्यालय (तोकियो) की डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया है।

गांधीजी के सत्याग्रह आन्दोलन के शताब्दी समारोह के दौरान आपने विश्व के विभिन्न हिस्सों में गांधी, शांति, और मानव की उत्तर जीविता पर 140 व्याख्यान दिए।

 गत पचास वर्षों से युवा पीढी को अहिंसात्मक नेतृत्व का प्रशिक्षण संघर्ष निवारण और शांतिपूर्ण क्रियाकलापों की तरह आकर्षित करने के तीव्र प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। काशमीर, पंजाब, असम, तमिलनाटु आदि राज्यों के कई संघर्षपूर्ण क्षेत्रों में शांति कायम रखने के उनके प्रयासों की मान्यता के रूप में 2013 के, भारत सरकार के धर्म सौहार्द राष्ट्रीय पुरस्कार से प्रो.राधाकृष्णन को नवाजा जाएगा।

 

आप अब तिरुवनन्तपुरम (केरल) में रहते हैं।

 

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नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र  प्रयास।

 

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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:12 

 

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संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

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