रोज़गार समाचार
केंद्रीय विद्यालय, एसएपी कैंप, पेरूरकड़ा, तिरुवनंतपुरम
सत्र 2016-17 में पूर्णत: संविदात्मक आधार पर नियुक्ति हेतु शिक्षकों का पैलन तैयार करने के लिए केंद्रीय विद्यालय, एसएपी कैंप में साक्षात्कार निर्धारित हैं । 25-02-2016 और 27-02-2016 को निर्धारित प्रस्तुत कार्य में इच्छुक तथा योग्य उम्मीदवार (उम्र 18 और 65 के बीच) विशद जानकारी के लिए विद्यालय वेबसाइट देखें । उम्र / योग्यता / साक्षात्कार का कार्यक्रम वेबसाइट में दिए गए हैं ।
-प्राचार्य।
केन्द्रीय विद्यालय पट्टम, तिरुवनंतपुरम
प्रत्यक्ष साक्षात्कार
सत्र 2016-17 में पूर्णत: संविदात्मक आधार पर अंशकालिक शिक्षकों, चिकित्सकों, व नर्स आदि का पैनल तैयार करने के लिए केन्द्रीय विद्यालय पट्टम(पारी-1&2) में साक्षात्कार दिनांक 24-02-2016 से 26-02-2016 तक निर्धारित है । अत: अतिरिक्त जानकारी के लिए इच्छुक और योग्य उम्मीदवार नीचे दी गयी वेबसाइट देखें ।
-प्राचार्य।
केरलाञ्चल
नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र प्रयास।
संपादक
डॉ.एम.एस.राधाकृष्ण पिल्लै (डॉ.एम.एस.आर.पिल्लै)
सहसंपादक
सलाहकार समिति
संपादकीय विभाग में सहयोग:
सहयोगी संस्थाएँ:
कार्तिका कंप्यूटर सेंटेर ,
कवडियार, तिरुवनंतपुरम-695003
देशीय हिन्दी अकादमी,
पेरुंगुष़ी, तिरुवनंतपुरम-695305
हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका
07/03/16 00:24:18
Last updated on
सहसंपादक की कलम से
संपादकीय
'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है । हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका । हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं । भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं, केंद्र सरकारी आगे पढ़ें
सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है। आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं। प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें