प्रो. टी .के नारायण पिल्लै
आप केंद्रीय हिन्दी संस्थान , हैदराबाद केंद्र के पूर्व प्रोफेसर एवं क्षेत्रीय निदेशक है । आप ने केरल विश्वविद्यालय से हिन्दी भाषा तथा साहित्य में एम.ए (प्रथम श्रेणी), आगरा विश्वविद्यालय से भाषा विज्ञान में एम.ए (प्रथम श्रेणी, प्रथम स्थान ), केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से एम.एड् तथा भाषाविज्ञान में पी एच.डी की उपाधियाँ प्राप्त की है।
आपने मणिपुर सरकार के शिक्षा विभाग में हिन्दी प्राध्यापक, केंद्रीय हिन्दी संस्थान आगरा में रीडर प्रोफसर आदि पदों पर 38 वर्षों की सेवा की है। केंद्रीय हिन्दी संस्थान के विभिन्न विभागों में अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय केंद्रों केक्षेत्रीय निदेशक भी रहे हैं ।
आपने भाषाविज्ञान, शैली, विज्ञान, हिन्दी शिक्षण एवं हिन्दी व्याकरण पर पाँच पुस्तकें लिखी हैं जिनमें "राम की शक्ति पूजा" का शैली वैज्ञानिक अध्ययन राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुआ है ।
अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, हिन्दी व्याकरण, हिन्दी भाषा शिक्षण, प्रयोजन मूलक हिन्दी आदि विषयों पर पच्चासों शोध आलेख प्रकाशित किये हैं । भारत के विविध विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शौक्षिक संस्थाओं की विद्धत्त परिषदों, पाठ्यक्रम समितियों तथा चयन समितियों में सदस्य रहे हैं । मणिपुर, नागालैंड, मिज़ोराम, केरल, गोवा और आन्ध्र प्रदेश राज्यों की हिन्दी पाठ्य पुस्तक समितियों में विशेषज्ञ सदस्य रहे हैं ।
राष्ट्रीय बैंक, नाबार्ड की दूरस्थ हिन्दी शिक्षण योजना की परिकल्पना एवं सामग्री निर्माण का विशेषज्ञ सदस्य । अनेक शैक्षिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में प्रयोजनमूलक हिन्दी, कार्यालयी हिन्दी, भाषाविज्ञान, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान एवं हिन्दी व्याकरण पर विशेष व्याख्यान । केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा प्रायोजित हिंदी भाषा, प्रयोजन मूलक हिन्दी एवं हिन्दी शिक्षण से संबंधित राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की अनेक संगोष्ठियों का संयोजक रहे हैं । अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, केरल विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति, डॉ .बी.आर अंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय, नांदेड आदि की एम.फिल. एवं पीएच.डी की परीक्षा का परीक्षक । केंद्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल एवं दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास के शासी परिषद का सदस्य । अनेक विश्वविद्यालयों में चयन समिति का सदस्य ।
अब आप तिरुवनन्तपुरम में रहते हैं।
केरलाञ्चल
नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र प्रयास।
संपादक
डॉ.एम.एस.राधाकृष्ण पिल्लै (डॉ.एम.एस.आर.पिल्लै)
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07/03/16 00:24:12
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संपादकीय
'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है । हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका । हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं । भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं, केंद्र सरकारी आगे पढ़ें
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