पांच युवा वैज्ञानिक पुरस्कृत

 

केरल : राज्य के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद ने डॉ. आर.जयकृष्णन: असि.प्रोफसर,    (क्रिस्ट्यन कॉलेज, चेंगन्नूर,) डॉ. बिबिन जॉन ( विक्रम साराभाई अंतरीक्ष केन्द्र, तिरुवनंतपुरम), डॉ.आर.एस. स्वाति (असि.प्रोफसर, आइसर, तिरुवनंतपुरम), डॉ. श्रीदेवी. ई.पी (असि. प्रोफसर, कार्मल कॉलेज, माळा) और डॉ. पी.जयमूर्ति ,(वैज्ञानिक निस्ट , तिरुवनंतपुरम) को युवा वैज्ञानिकों को दिये जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया है । इन्हें 50,000 हज़ार रुपये की राशि का शोध अनुदान और शोध के लिए विदेश यात्रा के लिए मदद मिलेगी । 5scientist

कोषिक्कोट में 28 जनवरी को होनेवाले विज्ञान कोंग्रेस के अवसर पर इन्हें पुरस्कार प्रदान किया जाएगा ।

 

 

WWW.KERALANCHAL.COM

banner
KERALANCHALFONT

केरलाञ्चल

नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र  प्रयास।

 

kera1
mapfin
keralaMAL

हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:15 

 

Last updated on

सहसंपादक की कलम से

 

Rotating_globe

संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है।  आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं।  प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें

Free Global Counter