सम्मान/पुरस्कार
के.सी.अजयकुमार पुरस्कृत
केन्द्र साहित्य अकादमी ने डॉ. के.सी.अजयकुमार को इस वर्ष के अनुवाद पुरस्कार के लिए चुन लिया है । अजयकुमार पत्तनंतिट्टा निवासी हैं । रवीन्द्रनाथ टैगोर के 'गोरा' उपन्यास के मलयालम अनुवाद के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है । पहले टैगोर की '119 कहानियां' का मलयालम में अनुवाद कर चुके हैं । 2000 में हिन्दीतर प्रान्तों के हिन्दी लेखकों को दिया जानेवाला पुरस्कार इन्हें प्राप्त हुआ है । कॉपरेशन, बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य प्रबंधक थे । अवकाश-प्राप्ति के पहले ही 2012 में पद से इसतीफा देकर पूर्णरूप से अनुवाद और लेखन के कार्य प्रवृत्त हुए हैं ।
डॉ.के.सी. अजयकुमार को 'केरलाञ्चल' की बघाइयां ।
-सं।
19-02-2016
केरलाञ्चल
नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र प्रयास।
संपादक
डॉ.एम.एस.राधाकृष्ण पिल्लै (डॉ.एम.एस.आर.पिल्लै)
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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका
07/03/16 00:24:15
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सहसंपादक की कलम से
संपादकीय
'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है । हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका । हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं । भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं, केंद्र सरकारी आगे पढ़ें
सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है। आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं। प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें