श्रेष्ठ अभिनेता: दुलखर सलमान (फिल्म: चार्ली), श्रेष्ठ अभिनेत्री: पार्वती (फिल्म: एन्नु निन्टे मोय्तीन, चार्ली), पर्श्व गायक: पी.जयचन्द्रन(गान: ञानोरु मलयाली..., मलर वाक कोम्पत्ते.., शारदांबरं; फिल्म: जिलेबी, एन्नुं एप्पोषुं, एन्नु निन्टे मोय्तीन), पार्श्व गायिका: मधुश्री नारायणन (गान: पश्वती दिशी दिशी..; फिल्म: इटवप्पाती) , श्रेष्ठ फिल्म निर्देशक: मार्टिन प्रक्काट (फिल्म: चार्ली), श्रेष्ठ फिल्म: ओषिवुदिवसत्ते कळी (निर्माता: अरुणा & मैथ्यू, निदेशक: सनल कुमार शशिधरन), श्रेष्ठ जनप्रिय फिल्म: एन्नु निन्टे मोय्तीन (निर्देशक: आर.एस.विमल), बाल अभिनेता: गौरव.जी.मेनोन, बाल अभिनेत्री: जानकी मेनोन ।
केरल सरकार ने 2015 के फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की
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केरलाञ्चल
नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र प्रयास।
संपादक
डॉ.एम.एस.राधाकृष्ण पिल्लै (डॉ.एम.एस.आर.पिल्लै)
सहसंपादक
सलाहकार समिति
संपादकीय विभाग में सहयोग:
सहयोगी संस्थाएँ:
कार्तिका कंप्यूटर सेंटेर ,
कवडियार, तिरुवनंतपुरम-695003
देशीय हिन्दी अकादमी,
पेरुंगुष़ी, तिरुवनंतपुरम-695305
हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका
07/03/16 00:24:16
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सहसंपादक की कलम से
संपादकीय
'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है । हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका । हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं । भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं, केंद्र सरकारी आगे पढ़ें
सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है। आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं। प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें