एम.वी पाइली पुरस्कार डॉ.जान्सी जेम्स को

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 देश के सबसे श्रेष्ठ अकादमिक विद्वान को कोच्ची विज्ञान और प्रौद्योगिकि विश्व विद्यालय द्वारा प्रदान किया जानेवाला प्रोफ. एम.वी पाइली पुरस्कार इस वर्ष  कोट्टयम महात्मा गाँधि और कासरगोड केन्द्र विश्व विद्यालयों की पूर्व कुलपति डॉ. जान्सी जेम्स को प्रदान किया जाएगा । एक लाख रुपये की राशि , कीर्ति पत्र और फलक पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये जाएंगे । यह देश में अकादमिक उत्कृष्टता के लिए दिया जानेवाला सर्व श्रेष्ठ पुरस्कार है । कोच्ची विश्व विद्यालय की कुलपति डॉ. जे लता ने कहा कि फरवरी में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजर जाएगा ।

 

प्रो.एम.एन.श्रीनिवास

जेयन्त नरलिक्कर

डॉ.एम.एस.वल्यत्तान

डॉ. के वेन्किटा सुब्रह्मण्यन

डॉ. वी.एन.राजशेखरन पिल्लै

डॉ. के.एन सेबास्टियन और डॉ.लालजी सिंह , को पहले इससे पुरस्कार से नवाजा गया है ।

 

 

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केरलाञ्चल

नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र  प्रयास।

 

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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:14 

 

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संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है।  आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं।  प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें

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