डॉ.सुनिता जैन को व्यास सम्मान
के.के बिडला प्रतिष्ठान द्वारा प्रदत्त व्यास सम्मान इस साल हिन्दी की प्रतिष्ठित लेखिका डॉ.सुनिता जैन को दिया जाएगा । प्रतिष्ठान ने 2015 के लिए डॉ.जैन का काव्य संग्रह 'क्षमा' को इस पुरस्कार के लिए चुना है । पुरस्कार स्वरूप ढाई लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी ।यह पुरस्कार गत दस वर्षों में प्रकाशित हिन्दी भाषा की श्रेष्ठ सृजनात्मक साहित्यिक रचनाओं, भाषा का इतिहास, आलोचना, निबंध, ललित निबंध, जीवनी आदि विधाओं में दिया जाता है । 1991 से व्यास सम्मान प्रदान किया जा रहा है और डॉ.जैन को यह 25 वाँ व्यास सम्मान दिया गया है । इनसे पहले श्रीलाल शुक्ल, गिरिराज किशोर, चित्रा मुद्गल, परमानंद श्रीवास्तव, धर्मवीर भारती, केदारनाथ सिंह जैसे ख्याति-प्राप्त साहित्यकारों को इस सम्मान से नवाजा चुका है ।
13 जुलाई 1991 को हरियाणा में आपका जन्म हुआ था । हिन्दी और अंग्रेज़ी पर आपका समान अधिकार है । डॉ.जैन की लगभग 100 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 'एक गेर्ल ऑफ हर एज', बोज्यू, सफर के साथी, हेरवा, रंग रति, जाने लड़की पगली, सौ टंच माल, दूसरे दिन, प्रेम में स्त्री आदि विशेष उल्लेखनीय हैं । काव्य संग्रह 'क्षमा' में रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास और उसकी पत्नी रत्नावली की कथा को एक अनूठी शैली में प्रस्तुत किया गया है ।
डॉ.जैन को भारत सरकार ने पद्मश्री से भी विभूषित किया है । डॉ.जैन ने स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की । आप आईआईटी दिल्ली में मानविकी तथा सामाजिक विज्ञान विभाग की अध्यक्षा रह चुकी हैं और आपने साल 2002 में अंग्रेज़ी के प्रोफेसर के पद से अवकाश ग्रहण किया ।
-सं.-
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