vijayanthampiश्री आर.विजयन तंपी

आपने एम.ए.(हिन्दी), बी.एड़(हिन्दी), साहित्य रत्न,  साहित्य विशारद, साहित्याचार्य, डिप्लोमा आदि हिन्दी परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं।

आप को संप्रति  हिन्दी सलाहकार समिति, रक्षा मंत्रालय के सदस्य के रूप में गृह मंत्रालय द्वारा नामित किया गया है। हिन्दी सलाहकार समिति, संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और हिन्दी सलाहकार समिति, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड़), भारत सरकार के सदस्य रहे हैं। राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दक्षिण रेलवे व इन्टग्रल कोच्च फैक्टरी, चेन्नै के निरीक्षक रहे हैं । आप संप्रति देशीय हिन्दी अकादमी, तिरुवनन्तपुरम के सचिव और  केरला स्कूल हिन्दी टीच्चेर्स असोसियेशन के अध्यक्ष हैं।

  कई वर्षों तक कार्यकारिणी समिति, केरल हिन्दी प्रचार सभा के सदस्य एवं हिन्दी शिक्षा परिषद्, शिक्षा विभाग, केरल सरकार के सचिव भी रहे हैं। हिन्दी प्रचार को जीवन का व्रत मानकर ग्रामीण क्षेत्र में हिन्दी प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से सन् 1985 में "देशीय हिन्दी अकादमी' के नाम से एक स्वैच्छिक हिन्दी संगठन की स्थापना की। केन्द्र सरकार से अनुदान प्राप्त इस संगठन ने अनेकों उपाधिधारियों एवं हिन्दी अध्यापकों को सुसज्जित किया है। केन्द्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वावधान में 1990 में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा हिन्दीतर प्रांतों के हिन्दी लेखकों केलिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लिया है। अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ के तत्वावधान में झारखंड और दिल्ली में आयोजित संगोष्ठियों में तथा इलाहाबाद हिन्दी साहित्य सम्मेलन की साहित्यिक संगोष्ठियों में केरल हिन्दी प्रचार सभा का प्रतिनिधित्व किया है। हिन्दी प्रचारक, हिन्दी लेखक, शैक्षिक-सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ता के रूप में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।

  कई हिन्दी लेख संसद की हिन्दी पत्रिका और अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं। आकाशवाणी, तिरुवनन्तपुरम केन्द्र के हिन्दी कार्यक्रमों में विभिन्न विषयों में वार्ताएँ प्रसारित की गई हैं।

  गाँधीवादी आदर्शों के प्रचारार्थ 1985 से ही केरल गाँधी स्मारक निधि से संबद्ध होकर खादी का प्रचार और नशाबन्दी का अवबोध पैदा करने के कार्य एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने केलिए कार्य कर रहे हैं।

  केरल हिन्दी प्रचार सभा की विभिन्न परीक्षाओं में राज्यस्तर पर सबसे ज़्यादा परीक्षार्थियों को बिठानेवाले प्रचारक को प्रदान किया जानेवाला, विख्यात् हिन्दी साहित्यकार रामेश्वर दयाल दुबे के नाम का पुरस्कार प्राप्त किया है। केरल सरकार द्वारा प्राप्त सिटिसन कन्सर्वेटर पुरस्कार (पर्यावरण पुरस्कार) भी आप को प्राप्त हुआ है।

आप पेरुंगुष़ी, तिरुवनन्तपुरम के रहनेवाले हैं।

 

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केरलाञ्चल

नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र  प्रयास।

 

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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:13 

 

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सहसंपादक की कलम से

 

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संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है।  आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं।  प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें

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