पूर्व विधान सभाध्यक्ष ए.सी. जोस
    (1937-2016)

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    पूर्व विधायक, सांसद एवं विधान सभाध्यक्ष ए.सी. जोस का दिल का दौरा पड़ने से 23 जनवरी को कोच्ची में देहांत हुआ । वे 79 साल के थे । परवूर से दो बार विधानक चुने गये थे । संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में तीन बार भारत के प्रतिनिधि रहे हैं । के एस यू के संस्थापक महासचिव थे और श्रमिक संगठनों की गतिविधियों में भी सक्रिय थे । वे काफी समय से कोंग्रेस का मुख पत्र 'वीक्षणम' के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक के पदों पर काम कर रहे थे ।


    इटप्पल्ली के अम्पाट चाक्को के पुत्र जोस का जन्म 1937 में हुआ था ।  महाराजास कॉलेज से अवकाश प्राप्त प्रो. लीलाम्मा पत्नी हैं । दिवंगत पूर्व केन्द्र मंत्री ए.सी. जोर्ज बड़े भाई हैं ।


    'केरलांञ्चल' आप को श्रद्धांजलियां अर्पित करती है ।



     

 

 

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केरलाञ्चल

नया कदम , नई पहल ; एक लघु, विनम्र  प्रयास।

 

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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:22 

 

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संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

सूचना प्रौद्योगिकी के इस नये युग में हमारी ओर से एक लघु विनम्र प्रयास 'केरलाञ्चल' नाम से एक वेब पत्रिका के रूप में यहाँ प्रस्तुत है।  आज इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर में ही नहीं मोबईल फोनों में भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपनी जान-पहचान की भाषा में खबरें पढ़ सकते हैं।  प्रादुर्भाव के समय वेब पत्रकारिता (सायबर जर्नलिज़म) कुछ अंग्रेज़ी साइटों तक सीमित रहा। लेकिन पिछले पच्चीस-तीस वर्षों के अन्तराल में निकले हिन्दी वेबसाइटों की भरमार देखकर इस क्षेत्र में हुए विकास और लोकप्रियता हम समझ सकते हैं। हिन्दी यूनिकोड का विकास हिन्दी वेब पत्रकारिता का मील पत्थर आगे पढ़ें

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