श्रद्धांजलि
वरिष्ठ पत्रकार टी.एन.गोपकुमार
(1957- 2016)
वरिष्ठ पत्रकार एवं एशियानेट न्यूज़ के प्रमुख संपादक टी.एन.गोपकुमार (58) का 30.1.2016 सुबह तिरुवनंतपुरम में निधन हुआ । वे लंबे अर्से से कैंसर से पीडित थे और कैंसर से जूझकर अपने कार्यक्षेत्र में पुन: सक्रिय होते हुए अचानक वे मुत्यु के शिकार हुए । लगभग गत साढ़े तीन दशकों में वे पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी जगह कायम कर चुके थे और एशियानेट के "कण्णाटि" (आईना) शीर्षक लोकप्रिय साप्ताहिक कार्यक्रम ने उनकी ख्याति में चार चांद लगा दी । इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने उपेक्षित और पीडितों के जीवन के प्रति समाज का ध्यान आकर्षित करने का सार्थक प्रयास किया और उन्हें विभिन्न स्त्रोतों से मदद पहुँचाने में सफल हुए । पत्रकारिता के अलावा साहित्य, सिनेमा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी आप ने अपनी अमिट छाप छोडी है । उनकी पुस्तक `शुचीन्द्रम रेखाएं` (शुचीन्द्रम अभिलेख) आत्मकथापरक कृति है । `वोल्गा तरंगं` उनकी दूसरी प्रमुख कृति है जिन्हें केरल साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्राप्त है । एफ सी सी जे का तोकियो एशियाई पत्रकारिता पुरस्कार, सुरेन्द्रन नीलेश्वरम पुरस्कार, कन्याकुमारी मलयालम अक्षर लोकं पुरस्कार आदि उन्हें प्राप्त कतिपय अन्य पुरस्कार हैं । उनका नवीनतम उपन्यास `पालुं पष़वुं` (दूध और फल) शीघ्र प्रकाश्य है ।
आपने इंडियन एक्सप्रेस में काम करते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में पदार्पण किया था । मातृभूमि दैनिक के तुरुववनन्तपुरम और दिल्ली कार्यालयों में पत्रकार रहे थे । अलावा इसके इंडिपेन्डेन्स, इंडिया टुडे, स्टेट्समैन, बी.बी.सी आदि संचार माध्यमों में भी पत्रकार रहे हैं।
सन् 1957 में तमिल नाटु के कन्याकुमारी जिले में शुचीन्द्रम में आपका जन्म हुआ । पिता -शुचीन्द्रम मंदिर के स्थानिक वट्टप्पलि मठं पी.नीलकंठ शर्मा और माता - एल तंकम्मा । नागरकोविल एस. टी हिन्दू कालेज से अंग्रेज़ी में स्नातक उपाधि और तिरुवनन्तपरम यूनिवर्सिटी कालेज से स्नातकोत्तर उपाधि । उसके बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में पदार्पण।
पत्नी :हेदर गोपकुमार; पुत्रियां : गायत्री और कावेरी; दामाद : रंजित और विनायक ।
पत्रकारिता के क्षेत्र के इस वरिष्ठ, अनूठे, समर्पित सेवक को `केरलाञ्चल` श्रद्धांजलियां अर्पित करती है।
-एमएसआर/ प्रसन्ना।
केरलाञ्चल
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07/03/16 00:24:22
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