subhashसुभाष चंद्रन को वयलार पुरस्कार

      वर्ष का वयलार रामवर्मा साहित्य पुरस्कार सुभाष चंद्रन के  "मनुष्यनु ओरु आमुखम्" (इन्सान को एक भूमिका) नामक उपन्यास को दिया गया । मातृभूमि कोष़िक्कोड शाखा के मुख्य सहसंपादक है सुभाष चंद्रन । इनका पहला उपन्यास है  "मनुष्यनु ओरु आमुखम"। मातृभूमि साप्ताहिक में यह उपन्यास धारावाहिक के रूप में आया था। एक लाख रुपये की राशि और कानायी कुंजिरामन से कांसे में बनायी गयी मूर्ति और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएगा । केरल और केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कारों तथा ओडक्कुष़ल पुरस्कार, भाषा संस्थान के बषीर पुरस्कार, कोविलन पुरस्कार,फोकाना पुरस्कार आदि इस उपन्यास को प्राप्त हो चुके हैं।

        वयलार रामवर्मा मेम्मोरियम डेस्क के उनचालीसवीं पुरस्कार है यह । निर्णायक समिति को अध्यक्ष प्रो.एम.के.सानु ने कहा कि सरकार की सहायता से पुरस्कार की राशि पच्चीस हज़ार से एक लाख कर दी गयी है।

            प्रसन्ना.वी.

 

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केरलाञ्चल

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हिन्दी भाषा तथा साहित्य केलिए समर्पित एक संपूर्ण हिन्दी वेब पत्रिका

07/03/16 00:24:23 

 

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संपादकीय

 

'केरलाञ्चल' एक बिलकुल ही नई वेब पत्रिका है ।  हिन्दी के प्रचार प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में बिलकुल ही नयी पत्रिका ।  हिन्दी के प्रचार, प्रसार और प्रयोग के क्षेत्र में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय हिन्दी संस्था संघ, दिल्ली के अधीन ही कई स्वैच्छिक हिन्दी संस्थाएं कार्यरत हैं ।  भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम बनाये गये है और उसके तहत देश भर में कर्मचारियों और साधारण नागरिकों में भी कार्यसाधक ज्ञान या हिन्दी के प्रति रुचि पैदा करने या बढाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । हर साल सितंबर  महीने में चौदह तारीख को देश-भर की हिन्दी संस्थओं,  केंद्र सरकारी आगे पढ़ें

 

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