विष़िञ्ञम अंतर्राष्ट्रीय गहनजल बहुप्रयोजन बंदरगाह की आधारशिला रखी गयी
तिरुवनन्तपुरम – केरल:
आज़ादी के पहले ही विष़िञ्ञम बंदरगाह का हमने जो सपना देखा था वह अब साकार हो रहा है । हाल में 1991 में, 1995 में, 2004 में, 2005 में और इसके बाद भी कई असफल प्रयासों के उपरांत 5 दिसंबर 2015 को मुख्यमंत्री श्री उम्मनचाण्टी ने केंद्रमंत्री श्री नितिन गड़करी और अडानी ग्रूप के अध्यक्ष गौतम अडानी और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में विष़िञ्ञम (तिरुवनन्तपुरम) के निकट मुल्लूर में केरल की, 5552 करोड रुपये लागत की स्वप्न परियोजना, ' विष़िञ्ञम अंतर्राष्ट्रीय गहनजल बहुउद्देशीय बंदरगाह ' का, भद्रदीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया और केंद्रमंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री ने मिलकर शिलाफलक का अनावरण किया ।
उद्घाटन करते हुए मंख्यमंत्री ने कहा कि एक हज़ार दिनों में परियोजना पूरी हो जायेगी । 2015 सितंबर पहली तारीख को उद्घाटन केलिए तैयार हो जायेगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकेलिए सरकार पूरा सहयोग देगी । उद्घाटन समारोह में केंद्र सडक परिवहन, राष्ट्रीय मार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि बंदरगाह को, 1958 के वाणिज्य जहाजरानी अधिनियम के तहत यानांतरण के कबोटाज (cabotage) की धारा में छूट दी जायेगी । उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचकर 15 दिनों में तत्संबंधी आदेश निकाला जाएगा ।
अडानी ग्रूप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि वे परियोजना 1000 दिनों में नहीं, बल्कि उससे पहले ही पूरा कर सकेंगे । उन्होंने विष़िञ्ञम के स्थानीय निवासियों केलिए 35 करोड रुपये की एक सामूहिक सामाजिक दायित्व की (corporate social responsibility – CSR) पहल की घोषणा की जिसमें विष़िञ्ञम के आसपास के क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल, सफाई, जल की अपूर्ति और स्कूलों को अपग्रेड करना आदि शामिल है। परियोजना की कुल लागत 5552 करोड रुपये हैं । इसमें 4039 करोड पी.पी.पी का हिस्सा है । 1463 करोड, सरकार के खर्च पर निर्मित वित्तपोषित काम की रकम है । परियोजना केलिए ज़रूरी ज़मीन, रेल, जल, बिजली आदि उपलब्ध कराने का दायित्व और खर्च सरकार पर है । इसकेलिए 1973 करोड क
ा संभावित खर्च अनुमानित है ।
ब्रेकवाटर का निर्माण ठेकेदार करेगा और उसकेलिए ज़रूरी रकम 1463 करोड रूपये सरकार विभिन्न चरणों में देगी । पी.पी.पी घटकों की रकम 4089 करोड का 40 प्रतिशत 1635 करोड रुपया अनुदान है । 818 करोड केंद्र सरकार वयाबिलिटी ग्याप फंड के रूप में देगी । बाकी 817 के अनुदान में 409 करोड निर्माण के दौरान और 408 करोड संचालन के दौरान अनुदान के रूप में सरकार देगी । ज़मीन पर सरकार का ही अधिकार होगा । बंदरगाह के संचालन के 15 वर्ष के बाद आमदनी का हिस्सा सरकार को मिलना शुरू होगा । यह एक प्रतिशत से शुरू होकर हर साल एक प्रतिशत के हिसाब से बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा । इसके अलावा बंदरगाह के कार्यकलापों के इतर कार्यों से मिलनेवाली आमदनी का 10 प्रतिशत सातवें वर्ष से सरकार को मिलना शुरू होगा ।
घर या रोज़गारी नष्ट होनेवालों के पुनर्वास केलिए 475 करोड़ रुपया की पैकेज की घोषणा की गयी है जो पांच वर्षों में लागू की जायेगी । विष़िञ्ञम दुनिया भर में सबसे ज़्यादा प्रकृतिदत्त एवं पर्यावरण हितकारी बंदरगाह है । निर्माण पूरे होने पर 18000 से लेकर 22000 टीईयू की क्षमतावाले जहाज भी विष़िञ्ञम में यानांतरण (transhipment) कर सकते हैं । बर्थ की लंबाई 800 मीटर तक बढ़ाई गयी है जिससे दुनिया के सबसे लंबा जहाज़ भी विष़िञ्ञम में लंगर डाल सकता है ।
सरकार ने इसकी अधिसंरचना के निर्माण और संचालन केलिए अडानी ग्रूप के साथ समझौता किया है और करारनामे पर राज्य सरकार और अदानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनोमिक जोन लि. (APSEZ) के तहत अडानी विष़िञ्ञम पोर्ट लि. ने दस्तखत किये हैं ।
राज्य पोर्ट और आबकारी मंत्री के. बाबू ने अध्यक्षता की । विधानसभा अध्यक्ष एन. शक्तन, उपाध्यक्ष पालोड रवि, मंत्री पी.जे. जोसफ, वी. के. इब्राहिम कुञ्ञु, के. पी. मोहनन, वी.एस. शिवकुमार, सांसद शशि तरूर, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष के.एम. चन्द्रशेखर, गौतम अडानी का पुत्र करण अडानी और ऊंचे अधिकारीगण उपस्थित थे । राज्य के मुख्य सचिव जिजी थोंसन ने स्वागत किया तथा विष़िञ्ञम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह कंपनी के प्रमुख सुरेष बाबू ने आभार प्रकट किया । वाम मोर्चे ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया ।
--एमएसआर/वीपी/एसए
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